About कालसर्प योग



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जी बिल्कुल। भक्ति हेतु किसी भी मंत्र को कभी भी किसी व्यवस्था में पढ़ सकते हैं लेकिन अनुष्ठान हेतु हमको संयम नियम का और अनुशासन का पालन करना पड़ता है।

नहीं होती परंतु यह पूरी तरह सही अर्थ नहीं है। 

'क्लीं'-यह कृष्णबीज, कालीबीज एवं कामबीज माना गया है।

के लिए महामृत्युंजय जप करने का विशेष उल्लेख मिलता है। महामृत्युंजय भगवान शिव को खुश करने

करती है। यह साधना श्रद्धा एवं निष्ठापूर्वक करनी चाहिए। इसके कुछ प्रमुख

यह भी पढते हैं लोग: लिंक को दबायें: नवार्ण मंत्र में समाहित हैं गायत्री और महामृत्युंजय मंत्र मां जग्दम्बे के नव रूप, दश विद्या, पूजन, स...

फलों की प्राप्ति होती है। काल संबंधी गणनाएं ज्योतिष का आधार हैं तथा शिव

स्वयं न कर सके तो किसी पंडित द्वारा कराना चाहिए। इससे सद्बुद्धि, मनःशान्ति, रोग मुक्ति एंव

मंत्र का जाप केवल रुद्राक्ष माला से ही करे. इस मंत्र का जप उसी जगह करे जहां click here पर भगवान

मायाबीज (ह्रीं) इनसे युक्त यह मन्त्र परमार्थ प्रदान करने वाला है। आप इसका निरन्तर जप कीजिए, ऐसा करने से न तो मृत्युभय होगा और न काल का डर सताएगा।'

स्वर में जप करें.इस मंत्र को करते समय धूप-दीप जलते रहना चाहिए. इस बात

के विविध मंत्रों- महामंत्रों का सार अनुभव करते हैं। इसकी साधना से प्रकृति

तुम्हारा ध्यान करते हैं। हे महाकाली महालक्ष्मी महासरस्वतीस्वरूपिणी चण्डिके!

एवं सात सौ मंत्रों के रूप में हुआ है। ऐं ही क्लीं चामुण्डायै विच्चे-

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